उत्तर प्रदेश का पूर्वी भाग और बिहार का अधिकांश क्षेत्र पिछड़ा है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बहुत अभाव है। जापानी इंसेफेलाइटिस के कारण हजारों की संख्या में बच्चों की जान चली जाती है। जो बच्चे बच जाते हैं वे विकलांग हो जाते हैं।

लोगों को इलाज के लिए 300 किमी दूर लखनऊ या दिल्ली एम्स जाना पड़ता था। संस्था ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से आरटीआई मांगी। सरकार ने गोरखपुर में एम्स की स्थापना की बात कही और बजट में इसकी घोषणा की गई।

संस्था क ई संस्थाओं के साथ इस बिषय को लेकर पैदल यात्रा, जन पंचायत और प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड भेजने का अभियान चलाया। आखिरकार सरकार ने गोरखपुर में एम्स स्थापित करने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एम्स निर्माण का उद्घाटन किया।

इस प्रकार संस्था के प्रयासों के फलस्वरूप गोरखपुर के कुड़ाघाट में एम्स कार्यरत हैं। इससे उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के लोगों को लाभ मिलेगा।